कैबिनेट में राहत मात्र झुनझुना, ऊॅट के मुंह में जीराः प्रीतम

देहरादून। उत्त्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिह ने राज्य सरकार के द्वारा लिये गये कैबिनेट फैसलों को वर्तमान स्थिति को देखते हुए नाकाफी बताया। प्रीतम सिंह ने कहा कि जिस तरह से राज्य सरकार ने होटल व्यवसायों को 5 हजार की राहत देने की बात कहीं है वह ऊॅट के मंुह मे जीरे के समान है। यदि होटल व्यवसायियों को पुनः अपने पैरों पर खड़ा करने की सरकार की मंशा थी तो उन्हें एक पैकेज के तहत राहत दी जानी चाहिए थी। प्रीतम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में भी जो खर्चा आने वाला है उसे हंस फाॅउण्डेशन वहन करेगा तो ऐसे में सरकार अपनी पीठ बेवजह थपथपाने का काम कर रही है। प्रीतम सिह ने कहा आज जिस तरह से हर सैक्टर पर इस महामारी की मार पड़ी है उसके मध्येनजर राहत देने के निर्णय नाकाफी हैं। प्रीतम सिंह ने कहा कि लोगों को पं्रचण्ड बहुमत और डबल इंजन की सरकार से ढेर सारी अपेक्षायें थी।
राज्य सरकार को खुद इस बात का आंकलन करना चाहिए कि 10 हजार में क्या कोई उद्योग लगाया जा सकता है? प्रीतम सिंह ने कहा कि यही समय था कि जब राज्य सरकार को केन्द्र से इन विषम परिस्थितियों में राहत पैकेज मागना चाहिए था। आज जहां राज्य एक ओर कोरोना महामारी के दंश को झेल रहा है वहंीं दूसरी ओर दैवीय आपदा के साथ राज्य का चोली दामन का साथ है। ऐसे मेें राज्य सरकार राहत देने के नाम पर जनता को भ्रमित कर झुनझुना दे रही है। राज्य सरकार को भलीभाॅति ज्ञात है कि उसके द्वारा दी जा रही सहायता से पर्यटन हो या परिवहन, व्यापारी वर्ग हो या प्रवासी बन्धु कोई भी आत्मनिर्भर नही बन पायेगा। अतः प्रीतम सिह ने राज्य सरकार से कर्ज में डूवे हुए व्यवसायियों को राहत देने के लिए एवं गर्त में जा रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोई ठोस नीति और रोड़ मैप बनाने की सलाह दी है।

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