पिछले एक पखवाड़े के भीतर देहरादून से लेकर दिल्ली तक भाजपा सांसद व प्रदेश सरकार के मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री की पार्टी के दो बड़े क्षत्रपों की पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकातें चर्चाओं में हैं। बृहस्पतिवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से भेंट की।
मुख्यमंत्री भी नई दिल्ली पहुंचे। प्रदेश के सियासी हलकों में इन मुलाकातों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। अब यह सवाल भी सत्ता के गलियारों में गूंज रहा है कि आखिर इन शिष्टाचार भेंटों का सरोकार क्या है। नई दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय नेताओं और प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट की थी। उनके दून लौटने के कुछ दिन बाद कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की।
डॉ. रावत की मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुईं। राज्य के कुछ मंत्रियों, सांसदों और पूर्व मुख्यमंत्रियों की पीएम और गृह मंत्री से मुलाकातों का सिलसिला शुरू हुआ, जो अब तक जारी है। धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी व सुबोध उनियाल भी नई दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गृह मंत्री शाह और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से भेंट की।
शिष्टाचार मुलाकातों के पीछे कोई न कोई सरोकार जरूर
पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, सांसद नरेश बंसल और अब पूर्व सीएम व हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से भेंट की। पिछले दिनों पार्टी के सांसद केंद्रीय गृह मंत्री से मिले। पीएम और गृह मंत्री से राज्य के दिग्गज नेताओं की मुलाकातें अनायास नहीं मानी जा रही हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि इन शिष्टाचार मुलाकातों के पीछे कोई न कोई सरोकार जरूर है।
वह क्या है, इस प्रश्न का सटीक जवाब किसी के पास नहीं है। राजनीतिक हलकों में सिर्फ अटकलें हैं। कोई इसे केदारनाथ विधानसभा उप चुनाव से तो कोई राज्य में होने वाले कैबिनेट विस्तार से जोड़कर देख रहा है। मीडियाकर्मियों ने सीएम से कैबिनेट विस्तार पर सवाल पूछा भी, जिसे उन्होंने हंसकर टाल दिया। कहा, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से राज्य की परियोजनाओं से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा के लिए दिल्ली जा रहे हैं।
लेकिन, पिछले कुछ दिनों में सीएम से कई विधायकों ने सिलसिलेवार मुलाकातें कीं। उनसे मिलने वाले कुछ वरिष्ठ विधायक भी थे, जिन्हें मंत्री पद के दावेदार के तौर पर देखा जाता है। बहरहाल राजनेताओं की दिलचस्पी मुलाकातों को दिखाने तक सीमित है। इन मुलाकातों के बारे में वे पूरा जवाब नहीं देना चाहते। पीएम से मुलाकात कर चुके पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत कहते हैं, पीएम से राजनीति से जुड़े कई बिंदुओं पर चर्चा हुई, लेकिन ये बिंदु क्या हैं, ये न उन्होंने बताया न सांसद बंसल और न ही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने।
कुल मिलाकर सभी नेताओं ने इसे शिष्टाचार भेंट का नाम दिया, लेकिन पार्टी के सबसे ताकतवर नेताओं से राज्य के दिग्गज नेताओं की हो रही इन मुलाकातों को सामान्य नहीं माना जा रहा है। अपने-अपने हिसाब से इनके सियासी मायने टटोले जा रहे हैं।