रुद्रप्रयाग। दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के विरोध में तीर्थ पुरोहित समाज, साधु-संत व व्यापारियों ने तीसरे दिन भी केदारनाथ में प्रदर्शन कर धरना दिया, वहीं केदार सभा के प्रतिनिधियों ने ऊखीमठ में उपजिलाधिकारी के साथ बैठक कर केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया। दूसरी ओर, कांग्रेसियों ने जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में प्रदेश सरकार का पुतला फूंका।
केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहित समाज व व्यापारियों ने केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी के नेतृत्व में सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया। वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण की विश्वभर में निंदा हो रही है।
केदारनाथ नाम का उपयोग करने पर आपत्ति
केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली की ओर से केदारनाथ धाम को धर्म व जाति के नाम पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है। इससे साफ है कि ट्रस्ट सिर्फ निजी लाभ के लिए मंदिर बनवा रहा है। कहा कि केदारनाथ मंदिर की जगह शिव मंदिर का निर्माण करने पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन केदारनाथ नाम का उपयोग किए जाने पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को एक्शन लेना चाहिए।
वहीं, केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के विरोध में कांग्रेसियों ने नारेबाजी के साथ प्रदेश सरकार का पुतला फूंका। उन्होंने कहा कि केदारनाथ से जो शिला दिल्ली ले जाई गई है, उसे वापस लाया जाए। पुतला दहन करने वालों में कांग्रेस के प्रदेश सचिव लक्ष्मण रावत, नगर अध्यक्ष प्रशांत डोभाल, मनोहर सिंह, अरुण गैरोला, बंटी जगवाण, भारत रौथाण, शूरवीर जगवाण, दीपक भंडारी, जसपाल भारती, नरेंद्र रावत आदि शामिल थे। उधर, मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली से प्रदेश सरकार व मंदिर समिति का कोई लेना देना नहीं है।
दूसरी ओर, केदार सभा के प्रतिनिधियों ने ऊखीमठ में उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला के साथ बैठक कर दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण का विरोध किया। उपजिलाधिकारी ने बताया कि प्रतिनिधियों ने केदारनाथ मंदिर के अन्यत्र निर्माण का पुरजोर विरोध किया और केदारनाथ धाम की शिला दिल्ली में स्थापित किए जाने को परंपरा के साथ खिलवाड़ बताया। हालांकि, मुख्यमंत्री की ओर से इस मामले में केदार सभा को सकारात्मक आश्वासन दिया गया गया है।
सफल नहीं होगा दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाने का प्रयास
गोपेश्वर: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने के प्रयासों को सफल नहीं होने दिया जाएगा। यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि इस मंदिर के निर्माण के पीछे घोटाले की मंशा झलक रही है।