रुद्रपुर। कोरोना संक्रमण काल में बीते छह माह से बिना वेतन के ही काम करने पर मजबूर रोडवेज कर्मचारियों ने गुरुवार को डिपो परिसर में धरना दिया। जिसमें सरकार से मांग की कि कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का जहां संकट पैदा हो गया है परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। दूसरी तरफ विभागीय देयकों का भी भुगतान अब तक नहीं किया जा सका है। जल्द वेतन दिलाया जाए नहीं तो कर्मचारी आंदोलन के लिए उग्र होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
बीते साल में कोविड काल के दौरान भी रोडवेज कर्मचारियों के सामने वेतन न मिलने की समस्या पैदा हुई थी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में भी वेतन के लाले पड़ गए हैं।
बीते छह माह से वेतन व दूसरे देयकों के भुगतान के लिए धरना-प्रदर्शन कर आवाज उठा रहे हैं। गुरुवार को रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने क्षेत्रीय कार्यालय के निर्देशों के बाद डिपो कार्यालय में धरना दिया। शाखा अध्यक्ष दयाशंकर सैनी ने वेतन दिलाए जाने के साथ ही कोरोना संक्रमण काल में मौत के मुंह में गए कर्मचारियों के स्वजनों को 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने की मांग रखी। जिसका सभी धरने में मौजूद कर्मचारियों ने समर्थन किया।शाखा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार बार-बार रोडवेज कर्मचारियों को बरगला रही है। वेतन को लेकर बीते साल भी कभी एक माह तो कभी दो माह का वेतन दिया गया। कर्मचारियों को इससे जो आर्थिक व मानसिक पीड़ा उठानी पड़ी उसका हाल कोई पूछने वाला नहीं है। चेतावनी दी कि इस बार जल्द से जल्द यदि वेतन न जारी किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। कोरेाना संक्रमण काल में भी रोडवेज कर्मचारियों ने अपने दायित्वों का निर्वाहन किया है। उनको अब तक फ्रंटलाइन वर्कर्स घोषित नहीं किया गया। यह कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी है। धरना देने में प्रमुख रूप से कार्यशाला अध्यक्ष चरनजीत सिंह, राजेश कुमार, विनीत पाठक, तनवीर अहमद, रविंद्र यादव, संतोष सिंह, दयाराम त्रिपाठी, रमाशंकर वाजपेयी, संतोष सैनी, आरके गौतम आदि मौजूद थे।