उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव रतीभानपुर में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में अचानक भगदड़ मच गई। भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में कई महिलाएं और बच्चें भी शामिल हैं। एटा सिकंदराराऊ के बॉर्डर पर घटनास्थल है। सीएम योगी आदित्यनाथ हाथरस में से मिलने के लिए पहुंचे
हाथरस की घटना पर शिवसेना (UBT) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “यह दुखद है जिस तरीके से यह घटना घटी है। मैं उम्मीद करती हूं कि राज्य सरकार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी। आयोजकों के साथ ही जो सत्संग करने वाले बाबा हैं उनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए… आज कल हम देख रहे हैं कि लोगों की जान का कोई मोल नहीं है।”
हाथरस में मंगलवार को सत्संग के दौरान भगदड़ मचने की घटना में फिरोजाबाद के सिरसागंज क्षेत्र के गांव शेखूपुरा निवासी 70 वर्षीय रामादेवी की मृत्यु हो गई। वह पांच महिलाओं के साथ सत्संग सुनने गई थीं। चार महिलाएं सकुशल लौट आईं। वहीं रामा देवी की मृत्यु हो गई। वहीं जसराना के गांव बिलासपुर निवासी 60 वर्षीय सावित्री देवी घायल हैं। उनका अलीगढ़ के अस्पताल में उपचार चल रहा है।
हाथरस की घटना पर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, “यह दुखद घटना है और पूरे देश में इस प्रकार की घटनाएं घटती हैं। महाराष्ट्र के नवी मुंबई में दो साल पहले इसी प्रकार का सत्संग हुआ था, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी उपस्थित थे। उनके सामने भगदड़ मच गई, जिसमे 50 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई। इस सत्संग में किसी का नियंत्रण नहीं होता है। ये बाबा-महाराज लोगों को बुलाते हैं और प्रशासन हाथ खड़े कर देता है।”
हाथरस में हुई भगदड़ घटना पर यूपी के मंत्री संदीप सिंह ने कहा, “घटना में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है, घायलों का इलाज चल रहा है। सीएम घायल व्यक्तियों और उनके परिवारों से मिलने के लिए हाथरस जाएंगे। मुख्यमंत्री घटना की खबर पल-पल हमसे और प्रशासन के माध्यम से ले रहे हैं। घटना के लिए जिम्मेदार पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
हाथरस दुर्घटना स्थल की जांच कर रहे फोरेंसिक यूनिट के एक सदस्य ने कहा, यहां से इकट्ठा करने के लिए कोई विशेष चीजें नहीं हैं, यह केवल भक्तों का सामान है जैसे जूते और बैठने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चादरें बस मिली हैं।
हाथरस में हुई भगदड़ घटना पर डिप्टी एसपी सुनील कुमार ने कहा, आश्रम (राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट) में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। हमने किसी को नहीं रोका है…हम यहां पर इसलिए हैं ताकि किसी के साथ भी कोई हादसा न हो।