हल्द्वानी । प्रदेश में श्रमिकों के बच्चों को निश्शुल्क तकनीकी शिक्षा देने का जिम्मा अब श्रम विभाग उठाएगा। तकनीकी शिक्षा के साथ ही विद्यार्थियों को रहने-खाने की भी निश्शुल्क सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 28 जून को इसकी घोषणा करने वाले हैं।
श्रम विभाग के भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) में पंजीकृत श्रमिकों को इसका लाभ दिया जाएगा। हालांकि, तकनीकी शिक्षा का ज्ञान लेने के लिए हर साल प्रदेश में सिर्फ 75 विद्यार्थियों को ही चुना जाएगा। इन विद्यार्थियों का चयन एक कमेटी करेगी।
आइटीआइ या पालीटेक्निक के विभिन्न कोर्सों में रुचि रखने वाले श्रमिकों के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा सहायता देने के लिए श्रम विभाग यह पहल करने जा रहा है। इससे पूर्व निर्माण साइटों पर रहने वाले श्रमिकों के बच्चों को बेसिक ज्ञान देने के लिए श्रम विभाग ने डिजिटल लर्निंग बस शुरू की थी, जिसमें 400 से अधिक बच्चों को बस में डिजिटल तकनीक से शिक्षा का ज्ञान दिया गया।
विभाग अब 10वीं व 12वीं पास विद्यार्थियों को विभिन्न तकनीकी कोर्स कराने के लिए उन्हें निश्शुल्क शिक्षा दिलाएगा। विद्यार्थियों को आवासीय छात्रावास के साथ ही भरपेट भोजन भी दिया जाएगा। इसके बाद तकनीकी कोर्स पूरा कर उन्हें कंपनियों में नौकरी के लिए प्लेसमेंट भी दिया जाएगा। तकनीकी कोर्स करने के बाद विद्यार्थी स्वरोजगार भी कर सकते हैं।
डिजिटल लर्निंग बस का भी शुभारंभ करेंगे सीएम धामी
नौनिहालों को डिजिटल शिक्षा देने के लिए श्रम विभाग ने नैनीताल व देहरादून जिले में डिजिटल लर्निंग बस शुरू की है। अब इसकी तर्ज पर हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिले में भी लर्निंग बस शुरू की जाएगी, जिसका मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 28 जून को उद्घाटन करेंगे। इसके बाद दोनों जिलों में कंस्ट्रक्शन साइट में कार्य करने वाले श्रमिकों के बच्चों को बस के अंदर बैठाकर डिजिटल शिक्षा दी जाएगी।