रुद्रप्रयाग। केदारनाथ के लिए सेवा दे रही छह हेली कंपनी यात्रा के प्रथम चरण की समाप्ति से पहले ही मानसून को देखते हुए सामान समेटकर दिल्ली लौट गई हैं। कंपनियों के जल्दी लौटने की एक वजह तीर्थ यात्रियों की संख्या में आई कमी भी है।
वर्षाकाल में केदारघाटी हेली सेवाओं की दृष्टि से काफी खतरनाक हो जाती है। अब वर्षाकाल में दो हेली कंपनी ही धाम के लिए सेवाएं देंगी। इस वर्ष अब तक 56,110 तीर्थयात्री हेलीकाप्टर से बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। आमतौर पर चारधाम यात्रा दो चरणों में संचालित होती है।
प्रथम चरण यात्रा शुरू होने से जून के अंत तक और दूसरा चरण वर्षाकाल की समाप्ति के बाद सितंबर के पहले या दूसरे सप्ताह से कपाट बंद होने तक चलता है। अभी जून की समाप्ति में एक सप्ताह से अधिक समय है, लेकिन आर्यन, पवन हंस, क्रेस्टल, थुम्बी, ग्लोबल वेक्ट्रा और ऐरो हेली कंपनी ने शुक्रवार को ही सेवा बंद कर दी। इससे पहले दोपहर 12 बजे तक कंपनियों ने सेवाएं दीं।
हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि ट्रांसभारत और हिमालय हेली वर्षाकाल में भी सेवाएं देती रहेंगी। नोडल अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष अब तक केदारनाथ धाम के लिए 10,027 उड़ानें संचालित की गई हैं। हेली सेवा की शुरुआत कपाट खुलने वाले दिन यानी 10 मई से हो गई थी और प्रतिदिन औसतन 1,500 तीर्थयात्री हेली सेवा से धाम पहुंचे।