देहरादून। रवि बडोला हत्याकांड को लेकर क्षेत्रवासियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। नेहरूग्राम के क्षेत्रवासियों, पूर्व सैनिकों व विभिन्न संगठनों ने फिर से डोभाल चौक पर प्रदर्शन कर सड़क जाम की। दून बंद के एलान के साथ उमड़ी भीड़ ने काफी देर तक हंगामा किया और छह नंबर पुलिया पर बाजार बंद कराया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। सड़क जाम करने पर पुलिस ने 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर सुद्धोवाला जेल भेजा, जहां से उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर रिहा कर दिया गया। हालांकि, दून बंद का एलान पूरी तरह बेअसर रहा।
बड़ी संख्या में डोभाल चौक पहुंची भीड़
गुरुवार सुबह बड़ी संख्या में भीड़ डोभाल चौक पहुंची। रवि बडोला के हत्यारों को फांसी की सजा की मांग करते हुए उन्होंने प्रदर्शन किया। पुलिस-प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारी दून बंद के एलान के साथ आगे बढ़े।
प्रदर्शनकारियों ने छह नंबर पुलिया के पास बाजार बंद कराने का प्रयास किया। यहां पहले से मौजूद भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को छह नंबर पुलिया पर रोक दिया। इस दौरान पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए पीछे खदेड़ा। सड़क जाम करने पर 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर पुलिस वैन से जेल ले जाया गया।
हत्याकांड के विरोध में नेहरूग्राम से लेकर छह नंबर पुलिया तक व्यापारियों ने सभी दुकानें दिनभर बंद रखीं। विरोध के रूप में व्यापारी क्षेत्रवासियों के साथ दुकान बंद कर धरने पर बैठे रहे। डोभाल चौक पर सुबह से शाम तक शांतिपूर्ण धरना चलता रहा। धरने के दौरान महिलाओं ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महिलाओं ने क्षेत्रीय विधायक से लेकर सरकार के विरुद्ध भी नारेबाजी की।
नेताओं ने क्षेत्र में बसाए अपराधी
पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आम जनता पर अत्याचार किया जा रहा है और अपराधियों की खातिरदारी की जा रही है। कहा कि दून में जघन्य अपराध हो रहे हैं। बाहरी प्रदेशों से बदमाश दून आकर बस रहे हैं। आरोप लगाया कि राजनीतिक दल व नेता ही अपराधियों को यहां बसाकर संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक और सरकार पर भी निशाना साधा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह चाहते हैं कि मूल निवासी सुरक्षित रहें। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि वह जेल जाने से नहीं डरते।
पूर्व सैनिकों को भी वैन में डाला
हत्याकांड का विरोध कर रहे पूर्व सैनिकों के साथ ही पुलिस ने सख्ती दिखाई। इस दौरान पुलिस कर्मियों और पूर्व सैनिकों की नोकझोंक हुई। भीड़ के बीच एक वरिष्ठ पूर्व सैनिक को पुलिस कर्मियों ने खींचकर पुलिस वैन में डाल दिया। प्रदर्शन कर रही एक महिला ने भी आरोप लगाया है कि एक पुलिस कर्मी ने उसका हाथ पकड़कर गलत तरीके से खींचने का प्रयास किया।
मीडिया कर्मियों के साथ पुलिस की अभद्रता
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ ही मीडियाकर्मियों से भी अभद्रता की। प्रदर्शन की कवरेज कर रहे एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र के छायाकार को भद्दी गालियां देने पर पत्रकारों ने पुलिस के रवैये का विरोध किया। पुलिस कर्मी को पत्रकारों ने उचित व्यवहार करने को कहा तो उनका कहना था कि पुलिस क्षेत्राधिकारी डालनवाला की ओर से उन्हें सभी को खदेड़ने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान अन्य पुलिस अधिकारियों ने मामला शांत कराया।