रायपुर: दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक, इंडस टॉवर्स ने अपने क्रियान्वयन पार्टनर, एनआईआईटी फाउंडेशन के सहयोग से छत्तीसगढ़ में सूरजपुर और कोरबा जिलों के ग्रामीण एवं शहरी इलाकों के लिए अपनी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वैन (डीटीवी) लॉन्च की है।
कंपनी के सीएसआर प्रोग्राम ‘सक्षम’ के अंतर्गत लॉन्च की गई यह 21 सीट की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वैन सौर ऊर्जा से चलती है और इसमें इंटरनेट, अत्याधुनिक कंप्यूटर, प्रिंटर, सॉफ्टवेयर एवं ई-लर्निंग टूल्स की सुविधा है। इसमें बेसिक आईटी शिक्षा, साईबर सिक्योरिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, और वित्तीय साक्षरता में सर्टिफिकेट के साथ डोरस्टेप डिजिटल शिक्षा प्रदान करने के लिए लाईव मॉनिटरिंग की सुविधाएं भी हैं। इस वैन का उपयोग अनुकूलित जन-जागरुकता और जन-साक्षरता सत्रों के लिए भी किया जाएगा। ये सभी सत्र एनआईआईटी फाउंडेशन के प्रशिक्षकों द्वारा लिए जाएंगे, जिनमें समुदाय के निवेदन पर अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी।
इस डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वैन का उद्घाटन सूरजपुर जिला पुस्तकालय में
श्री रोहित व्यास, आईएएस, कलेक्टर सूरजपुर (छ.ग) द्वारा किया गया। इस डीटीवी को अगले छः महीनों में पंपापुर, कोट, पटना, सागरपुर, रामपुर, सेंदरी, और जगन्नाथपुर जैसे विभिन्न स्थानों पर पहुँचाकर रणनीतिक परिवर्तन लाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के निवासियों का डिजिटल कौशल बढ़ाने का यह अभियान भारत सरकार के डिजिटल साक्षरता मिशन का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट में महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष बैच होंगे, और सरकारी शिक्षकों, पुलिस अधिकारियों, गली में सामान बेचने वालों, बच्चों, और पर्यावरण के संरक्षण एवं कचरा प्रबंधन के लिए काम करने वाले संस्थानों को अपने सशक्तिकरण एवं कौशल विकास के लिए एक सहयोगपूर्ण वातावरण मिल सकेगा।
इंडस टॉवर्स के मिशनवाक्य – ‘‘वी ट्रांसफॉर्म लाईव्स थ्रू सस्टेनेबल डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज़’’ (हम सस्टेनेबल डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं द्वारा जीवन में परिवर्तन लाते हैं) के अनुरूप यह मोबाईल डिजिटल क्लासरूम हर उम्र एवं पृष्ठभूमि के व्यक्ति को बहुमूल्य और मांग में रहने वाले कौशल प्रदान करता है, जिनमें डिजिटल साक्षरता, बेसिक आईटी शिक्षा, और साईबर सुरक्षा शामिल हैं।
श्री रोहित व्यास, आईएएस, कलेक्टर सूरजपुर (छ.ग) ने कहा, मैं सुरजपुर और कोरबा जिलों में इस पहल के लिए इंडस टावर्स और एनआईआईटी फाउंडेशन को हार्दिक बधाई देता हूँ। यह कार्यक्रम केंद्रीय सरकार की पहल पीएमजीदिशा के अनुरूप है और डिजिटल विभाजन को पाटने का लक्ष्य रखता है, जिससे नागरिकों को डिजिटल कौशल प्रदान किया जा सके और डिजिटल सेवाओं की पहुंच बढ़ाई जा सके।
डीटीवी प्रोग्राम के बारे में आशीष मित्रा, सर्किल सीईओ, एमपीसीजी, इंडस टॉवर्स ने कहा, ‘‘इंडस टॉवर्स में हम सामाजिक-आर्थिक प्रगति लाने के लिए टेक्नोलॉजी की परिवर्तनकारी शक्ति में भरोसा करते हैं। हमारे डीटीवी प्रोग्राम का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में जनसमूह तक डिजिटल शिक्षा पहुँचाना और वंचित समुदायों को सशक्त बनाना है। युवाओं, महिलाओं और विभिन्न सामाजिक समूहों पर केंद्रित अनुकूलित कोर्स व संसाधन प्रदान करके हम डिजिटल डिवाईड को कम कर रहे हैं। यह अभियान राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन (एनडीएलएम) का हिस्सा है, जिससे समावेशी विकास और लोगों को डिजिटल युग में जीवनयापन करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है।’’
एनआईआईटी फाउंडेशन की कंट्री डायरेक्टर, मिस चारु कपूर ने कहा, ‘‘हमें डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वैन के लिए इंडस टॉवर्स के साथ लंबे समय से चले आ रहे अपने सहयोग की खुशी है। हमने इंडस के सहयोग से यह प्रोग्राम कई राज्यों में चलाया है और अब नए राज्य छत्तीसगढ़ में इसकी शुरुआत करने के लिए हम उत्साहित हैं। डिजिटल, वित्तीय, साईबर जागरुकता, लाईफ स्किल्स और आईटी स्किल्स में कोर्स के साथ इसका उद्देश्य समाज में हर आयु समूह के लोगों, जैसे युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों, महिला टीचर्स, सामान्य आबादी और पुलिस एवं अन्य अधिकारियों को डिजिटल कौशल प्रदान करके समर्थ बनाना है।’’
2018 में अपने लॉन्च के बाद डीटीवी दिल्ली, देहरादून, भोपाल और गुजरात के विभिन्न समुदायों/गाँवों में सेवाएं दे चुकी है। इस प्रोग्राम द्वारा 12 वर्ष से अधिक आयु के विविध पृष्ठभूमि के लोगों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करना है। इनमें स्कूल के बच्चे, महिलाएं, सेल्फ-हैल्प समूह, गृहणियाँ, कंपनियों में काम करने वाले एंट्री-लेवल के कर्मचारी, किसान और व्यस्क शामिल हैं।