नई दिल्ली। हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के जाने-माने लेखक और गीतकार जावेद अख़्तर अपनी बेबाकी के कारण एक बार फिर चर्चा में हैं और कानूनी के विवाद में फंस गये हैं। जावेद के ख़िलाफ़ मुंबई पुलिस ने असंज्ञेय अपराध का मामला दर्ज़ किया है। जावेद अख़्तर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना आतंकी संगठन तालिबान से करने का आरोप लगाया गया है।
पीटीआई के अनुसार, एडवोकेट संतोष दुबे की शिकायत पर एफआईआर सोमवार को मुलुंड थाने में दर्ज़ की गयी है। पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने बताया कि जावेद के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि के लिए सज़ा) के तहत दर्ज़ की गयी है।
पिछले महीने वकील ने जावेद अख़्तर को एक क़ानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें एक टीवी इंटरव्यू में आरएसएस के ख़िलाफ़ झूठी और मानहानि करने वाली टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगने के लिए कहा गया था। इस नोटिस में दुबे ने दावा किया था कि इस तरह के बयान देकर आईपीसी की धाराओं 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए सज़ा) के तहत अपराध किया गया है। एडवोकेट दुबे ने कहा कि मैंने जावेद अख़्तर को लीगल नोटिस भेजा था और उन्हें माफ़ी मांगने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मेरी शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज़ की गयी है। बता दें, आरोपों के मुताबिक, जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में कहा था- जैसे तालिबान अफगानिस्तान को इस्लामी राष्ट्र बनाना चाहता है, उसी तरह आरएसएस भी हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहा है। इससे पहले इसी मामले में आरएसएस कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने जावेद अख्तर के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। विवेक चंपानेरकर ने ये केस मुंबई के ठाणे कोर्ट में दायर किया था, जिसके बाद कोर्ट ने लेखक को नोटिस भेजा। साथ ही उन्हें अगली सुनवाई पर यानी 12 नवंबर को कोर्ट में हाज़िर होने के लिए कहा था।