न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही उसे लताड़ा और अफगानिस्तान के हालात पर भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि जो देश प्रतिगामी सोच के साथ-साथ आतंकवाद को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए न हो। हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थिति का कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश न करे। उन्होंने कहा कि इस समय अफगानिस्तान की जनता को, महिलाओं और बच्चों को, वहां के अल्पसंख्यक समुदाय को मदद की जरूरत है और इसमें हमें अपना दायित्व निभागा ही पड़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे समंदर भी हमारी साझा विरासत हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इन संसाधनों का उपयोग करें और उनका दुरुपयोग न करें। हमारे समंदर अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की जीवन रेखा भी हैं। हमें उन्हें विस्तार और बहिष्कार की दौड़ से दूर रखना चाहिए।