चंडीगढ़। पंजाब की सियासत मेें बड़ा धमाका हो गया है। पंजाब कांग्रेस की खींचतान में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी जाती दिख रही है। पंजाब कांग्रेस भवन में शाम को विधायक दल की मीटिंग से पहले ही पार्टी हाईकमान ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांग लिया है। कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा है। पिछले कई दिनों से उन्हें हटाने की तैयारी चल रही थी। इसके बाद आज शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नया नेता चुना जाएगा। नए मुख्यमंत्री के लिए सुनील जाखड़ व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित कुछ अन्य नामाें की चर्चा है।अब पंजाब में विधानसभा चुनाव को मात्र छह महीने का ही समय बचा है, ऐसे में कांग्रेस ने अपने सबसे मजबूत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांग लिया है। हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन बताया जा रहा है कि पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। कैप्टन से उन्हें इस्तीफा सौंपने को कहा गया है।
काबिले गौर है कि तीन दिन पहले करीब 40 विधायकों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास जता दिया था। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा था कि और भी कई विधायक उनके खिलाफ हैं लेकिन जब तक वह सीएम रहेंगे,कोई भी खुलकर उनके खिलाफ नहीं बोलेगा। ऐसे में विधायक दल की मीटिंग बुलानी जरूरी है जिसमें दो केंद्रीय पर्यवेक्षक भी हों। इस चिट्ठी के आधार पर हरीश रावत ने कांग्रेस की प्रधान सोनिया गांधी से मुलाकात की और शुक्रवार देर रात को उन्होंने पंजाब कांग्रेस कमेटी से आज शाम को पांच बजे विधायक दल की मीटिंग बुलाने को कहा। इसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर अजय माकन और हरीश राय चौधरी को भेजा जा रहा है। सुबह से यह तय हो गया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने निकटवर्ती विधायकों की बैठक सिसवां फार्म हाउस पर बुलाने जा रहे हैं । उनके बेहद करीबी माने जाने वाले विधायकों ने भी दबी जुबां से कहना शुरू कर दिया है कि अब खेल खत्म हो गया है। एक विधायक ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि हम पिछले लंबे समय से कैप्टन अमरिंदर से कहते आ रहे हैं कि अफसरों की बजाए पॉलिटिकल लोगों को आगे रखें। अब अफसरों से कहकर सरकार बचा लें कैप्टन। विधायकों का कहना है कि अब फार्म हाउस पर कौन जाएगा। केंद्रीय पर्यवेक्षकों की भी हम पर नजर है।
इससे पहले 25 अगस्त को भी एक ऐसी ही चिट्ठी लिखी और मीटिंग भी की जिसमें तीन दर्जन के लगभग विधायक मौजूद थे लेकिन उस बगावत को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शांत कर लिया । कैप्टन ने हाई कमान के कहने पर दस सदस्यी तालमेल कमेटी बना दी जिसमें पार्टी प्रधान नवजोत सिद्धू के अलावा चार कार्यकारी प्रधान और मंत्रियों को लिया गया। लेकिन 25 दिन बीतने के बावजूद एक भी मीटिंग नहीं हुई। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस आलाकमान ने 40 विधायकाें की पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग को स्वीकार कर लिया। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट का बताया है कि पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक आज शाम पांच बजे होगी। बैठक में दो पर्यवेक्षक अजय माकन और हरीश राय चौधरी भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है और कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सियासी गलियारों में इसको लेकर कयासबाजी लगाई जा रही है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी कायम रहेगी या कांग्रेस नया मुख्यमंत्री बनाएगी।उधर पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह ने कहा कि पार्टी में कई अंदरुनी मसले हैं। पार्टी के कुछ मुद्दों पर चर्चा के लिए विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। पंजाब कांग्रेस में कोई समस्या नहीं है। मैं समझता हूं कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों के विचार सुने जाने चाहिए। इसमें क्या समस्या ? पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर जानकारी दी कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के निर्देश पर आज शाम पांच बजे पंजाब के कांग्रेस विधायक दल की चंडीगढ में बैठक होगी। सिद्धू ने इस संबंध में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष हरीश रावत के ट्वीट को भी रिट्वीट किया है।