देहरादून। आज उत्तरांचल यूनिर्वसिटी, लॉ कॉलेज देहरादून में प्रखर वक्ताओं के द्वारा समान नागरिकता कानून ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ (यू-सी-सी-) पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से पधारे जस्टिस (सेवानिवृत्त) लोकपाल सिंह, हाईकोर्ट ऑफ उत्तराखण्ड तथा वरिष्ठ एडवोकेट विक्रम जीत बैनर्जी एडिशनल सोलिसिटर जनरल, भारत के साथ-साथ अधिवक्ता परिषद, भारत के उत्तराखण्ड स्थित पदाधिकारीगणों ने अपने विचारों से सेमिनार में उपस्थित अनेक कानून के गणमान्य अधिवक्ताओं तथा लॉ कॉलेज के प्रशिक्षु वकीलों को परिचित कराया। कार्यक्रम अपरान्ह 03ः00 बजे माँ भारती की वंदना से आरम्भ हुआ। सर्वप्रथम लॉ कॉलेज के स्टॉफ द्वारा मुख्य तथा विशिष्ट अतिथियों के साथ-साथ पधारे अन्य मेहमानों का भावपूर्ण स्वागत किया गया। अपने स्वागत भाषण में लॉ कॉलेज के डीन श्री राजेश बहुगुणा ने उत्तरांचल यूनिर्वसिटी लॉ कॉलेज, देहरादून की ओर से सभी का स्वागत किया। उन्होंने वक्ताओं से आज के इस ज्वलंत मुद्दे समान नागरिकता कानून पर अपने विचार प्रकट करने का अनुरोध भी किया।
प्रथमतः उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस श्री लोकपाल सिंह ने अपने उद्बोधन में वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड को आवश्यक बताया वहीं इसमें व्याप्त कई एैसे मुद्दों पर भी ध्यान आकृषित किया जिससे इसे लागू करने में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। जस्टिस लोकपाल सिंह ने बारीकी से इस पर अपने विचारों का आख्यान दिया। तत्पश्चात् वरिष्ट एडवोकेट, हाईकोर्ट उत्तराखण्ड श्री विक्रम जीत बैनर्जी ने अपने सारगर्भित व्याख्यान में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ पर काफी तर्कपूर्ण वक्तव्य देते हुए कहा कि यह कानून 75 वर्ष विलम्बित कानून है, इसे तो आज़ादी के तुरन्त बाद ही लागू कर दिया जाना चाहिए था। वैसे इसे मुख्य तौर पर महिला समानता के लिए लागू किया जाना चाहिए। अगर हम नए भारत की बात करते हैं तो नए भारत में इसका लागू होना अत्यधिक हो जाता है। श्री बैनर्जी ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का हवला देते हुए बताया कि बाबा साहब स्वयं इसके प्रबल पक्षधर थे और इसे संविधान सम्मत जानकर इसकी हिमायत किया करते थे। हो सकता है समाज़ के कुछ वर्ग इस कानून के लागू किए जाने पर अपनी कुछ हानि महसूस करें लेकिन यह कानून पूर्णरूपेण देश तथा देशवासियों के लिए लाभदायक ही है। भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य बनता है कि वह समान नागरिकता कानून की सराहना करे तथा इसे पूर्ण रूप से लागू किए जाने का समर्थन करे।
कार्यक्रम में अनेक गणमान्य नागरिकों के साथ-साथ वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में उपस्थित अनेक प्रशिक्षु अधिवक्ताओं ने वरिष्ठ वक्ताओं से कईं तरह के समान नागरिकता कानून के संबंध में प्रश्न भी किए जिनका वरिष्ठ वक्ताओं ने मंच से ही समाधान भी किया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के वरिष्ठ पत्रकारों को भी लॉ कॉलेज प्रशासन द्वारा आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में वरिष्ठ सम्पादक राजकुुमार छाबड़़ा, सम्पादक हरीश नौटियाल, प्रेस छायाकार दीपक छाबड़ा तथा नवयुग एक्सप्रेस के संवाददाता वरूण छाबड़ा उपस्थित हुए।