देहरादून । दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली की पवित्र भूमि पर मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आध्यात्मिक ज्ञान रत्नों से लाभान्वित होने के लिए बड़ी संख्या में भक्त एकत्रित हुए। भक्तिमय रचनाओं की श्रृंखला ने पावन व भक्ति तरंगों से प्रत्येक तन, मन और आत्मा को तरंगित किया।
गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक व संचालक, डीजेजेएस) के प्रचारक शिष्यों ने भक्तों के जीवन से अनेक प्रेरणादायक दृष्टांतों का उल्लेख किया। वर्तमान स्थिति पर रोशनी डालते हुए, उन्होंने यह भी कहा कि जीवन की इस तेज़ गति में लोग अत्यधिक व्यस्त हो गए हैं। वे अपनी दिनचर्या में इतने खो गए हैं कि उन्हें इस बात का आभास ही नहीं है कि समय उनके हाथ से लगातार धीरे-धीरे फिसल रहा है। भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी की उथल पुथल में उन्हें अपनी आत्मा की आवाज़ सुनाई नहीं देती, जो भीतर से उन्हें यह संदेश देती है कि थोड़ी देर रुककर, इस मायावी दुनिया से विलग होकर, स्व में स्थित होना सीखें। यदि यह प्रश्न हमारे सामने रखा जाए कि हम अपने जीवन में कहाँ जा रहे हैं? तो, उत्तर यही होगा कि धीरे-धीरे हम सब मृत्यु की ओर बढ़ रहे हैं। इस यात्रा का अंतिम पड़ाव, जिसे “मृत्यु” कहा जाता है, वहां हम इस दुनिया से एक सिक्का भी नहीं ले जा सकते। सब कुछ, सारे रिश्ते पीछे छूट जायेंगे। साथ यदि कुछ जाएगी, तो केवल हमारे द्वारा कमाई गई आध्यात्मिक पूंजी।
आध्यात्मिक विचारों ने उपस्थित भक्तों और गणमान्य अतिथियों को जीवन के वास्तविक गंतव्य की ओर बढ़ने हेतु प्रेरित किया। उन्हें गुरु के मार्ग पर निरंतर चलते रहने के लिए उत्साहित किया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक ध्यान साधना और सबके आत्मकल्याण हेतु प्रार्थना द्वारा किया गया।