श्रीराम ने ‘गुरू’ बनकर भक्तिमती ‘शबरी’ को दिया था ‘नवधा भक्ति’ का उपदेश- सध्वी विदुषी जाह्नवी भारती जी

देहरादून। मानव जगत मंे मनुष्यों द्वारा जब भी परमात्मा की शाश्वत् भक्ति का प्रारम्भ होता है…