शिष्य का ‘अनुशासन’ ही गुरू की ‘प्रसन्नता’ का ‘आधार’ है- -साध्वी विदुषी भक्तिप्रभा भारती जी

देहरादून। निरंजनपुर स्थित ‘दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान’ के आश्रम सभागार में आज रविवारीय साप्ताहिक सत्संग-प्रवचनों एवं…